वक़्त ने धीरे-धीरे भर दिया उस घाव को। नजरें फिर ताकने लगी है अनजानी राह को। वक़्त ने धीरे-धीरे भर दिया उस घाव को। नजरें फिर ताकने लगी है अनजानी राह को।
आज सब कुछ पाया है तूने बहुत कुछ खो कर। आज सब कुछ पाया है तूने बहुत कुछ खो कर।
दिल में जो बात आ जाती वो सुनाया करते। दिल में जो बात आ जाती वो सुनाया करते।
वो भी यही कहते हैं ख़ामोशी से मुझसे ऐसा लगता है मेरा दिल पहले से आपको जानता है। वो भी यही कहते हैं ख़ामोशी से मुझसे ऐसा लगता है मेरा दिल पहले से आपको ...
तुम्हें फिर से खोजूं.. फिर कुछ गुनगुनाऊँ.. तुम्हें फिर से खोजूं.. फिर कुछ गुनगुनाऊँ..
प्रेम और ममता की ही भांति क्रोध और दुख भी उसके भाव हैं। प्रेम और ममता की ही भांति क्रोध और दुख भी उसके भाव हैं।